बी जे पी की मुसीबत, राज्य सभा
आत्ममुग्ध मोदी जी को बिहार चुनाव परिणाम के बाद विदेश जाने से पहले देश की जनता के सामने आकर बिहार के चुनाव परिणामो को सर आंखो पर लेते हुऐ बिहार की जनता को धन्यावाद देना चाहिये था की उन्होखने समय रहते तमाम लालच और भय को दरकिनार कर अपने विवेक से मोदी जी को यथा र्थ के धरातल पर ला दिया, इससे मोदी की मीडियाई छबि भी बरकरार रहती और आडवानी, मुरली मनोहर जोशी , अरुण शौरी, शत्रुघन सिन्हा , यशवंत सिन्हा और आदी आदी के मुहं भी न खुलते, साथ ही कम से कम पार्टी के अंदर की बाते सार्वजरनिक भी न होती, साथ ही नमस्तेी लंदन के दौरे में भी विदेशी मीडिया रायता नही फैलाती, पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजों के तत्काल बाद राहुल गांधी ने भी तो मीडिया के सामने आकर हार की जिम्मेदार अपने ऊपर ली ही थी. यह और बात है कि पूरी पार्टी उनके दामन को बचाने में लगी रही. मोदी जी को भी ये समझना ही होगा मई 2014 में बिहार के लोगों ने नरेंद्र मोदी के एक सुर मोदी मोदी मोदी किया ही था । जिस बिहार ने मई 2014 में जातिय बंधन तोड़ उन्हें जिताया था वे यदि इतनी जल्दीद वापिस जात के समीकरण में कैसे लौट गऐ , कैसी नाराजगी हैं, भाजपा के लोग