सौन्दकर्य का नकाब
मुंह में दांत नही, पेट में आंत नही, फिल्मर देख कर बुढा कुछ ज्यानदा ही गरम हो गया हैं, इन जुमलो के साथ लतियाऐ गऐ बुढे की आंख से चश्माट व सायकल से सीट अलग हो कर बिखर गऐ थे, स्थानीय सिनेमा हाल के सामने घटी इस घटना कुछ लोगो ने बीच बचाव कर बुढे को बचाते हुऐ बुढे से लडकी को घूरने का कारण पुछा तो जानकर हैरानी हुर्इ की दरअसल बुढे को यह शक हो गया था कि टाकीज से नकाबपोश युवा जोडी में नवयुवती उसकी लडकी थी जो घर से स्कू ल के लिऐ निकली थी इससे पहले की बुढा कुछ कह पाता, लडका बुढे से घूरने का आरोप लगाते हुऐ उलझा पडा,, इसी तारतम्यी में कुछ अतिसंवेदनशील सामाजिक मर्यादा के ठेकेदार किस्मन के प्राणीयो ने भी बुढे पर दो दो हाथ अजमा हुऐ पटक दिया,लडकी के साथ साथ् लडका भी मौके से गायब हो गया, इसलिऐ सच्चाढई तो पता नही चल पाई पर नकाब का खमियाजा बुढे बाप को मिल गया था, सुर्य किरणो में मौजूद अल्ट्रा वायलेट से व फिर शहरो के धूल से बचने के नाम युवा पीढी में नकाब का चलन आज अपने पुरे शबाब पर हैं और और इस नकाब की आड में चल रहा व्याधभिचार और अपराध का ताडव भी उसी तेजी से अपना रंग दिखा बढ रहा हैं, सडक पर चलते कई बार ऐ