सर आप तो आप ही हैं .....
भाजपाइयों द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी के डमी को संस्कारित करने के लिए उन्हें शिशु मंदिर में दाखिले का नाटक किया गया, उसी चौक पर दूसरे दिन कांग्रेसियों ने बीच चौराहे पर राजनीति की पाठशाला खोल दी। इस पाठशाला में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के डमी को बदजुबान और मंदबुद्धि करार देते हुए न सिर्फ उन्हें राजनीति की पाठशाला से टीसी देकर स्कूल से निकालने का ड्रामा हुआ, बल्कि गडकरी को मानसिक अस्पताल में दाखिला देने के लिए उनकी मां को सलाह भी दी गई। साठ के दशक में बनी एक फिल्म के सीन में जवान निकम्मेा बेटे ने माता पिता को यह कहा था कि पैदा करने में तो मजा आया अब खिलाने में क्योि जान निकल रही हैं, समाज को यह डायलाग काफी नागवार गुजरा था काफी हो हल्लाा हुआ था,फिल्मो निर्माता ने क्षमा मांगते हुऐ यह सीन फिल्मम से हटा दिया था,
एक परिपक्व दल का नुमांइदा या राजनेता इस तरह की निरर्थक बात क्यों कर रहा है ? यह सवाल सिर्फ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व जनसंघ की गलियों से संस्कार पा चुके हिंदुत्ववादी विचारधारा वाले जनसंघ पार्टी के बाद अब तीन दशक की आयु वाली भारतीय जनता पार्टी जो अपने आपको संस्कार संपन्न एवं संस्कारित पार्टी के रूप में महिमामंडित व प्रचारित करने वालो से ही नही, साठ साल की काग्रेस व राजनीति के कलाबाज लालू सरिखे नेताओ से भी हैं, क्याा राजनीति के लिऐ अपना मस्तिष्क व जुबान पर नियंत्राण खोकर पागलपन के साथ गंदे, भद्दे अपशब्दों का उपयोग यह नही साबित करता कि मुद्दे पर आकर विषय का तर्कसंगत विरोध करने या विरोध में सही वाक्य कहने की पौरूषता का अभाव ही इस तरह का कुतर्क करने को मजबूर कर रहा हैं, यह सवाल हम सब से भी हैं कि क्यों कुछ बेशर्म और बदजुबान लोगों में से किसी को चुनकर हम अपना भाग्य निर्माता बनाने की गलती बार बार कर रहैं है।
विषयांतर होकर विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं पर अपशब्द बोल रहे हैं। यही असंसदीय संबोधन मीडिया के लिऐ के लिऐ खुराक का काम करता हैं, मीडिया की सुई पुरे दिन के लिऐ इन रिकार्डो पर अटक जाती हैं, और अपने व्या भिचारिक शाब्दिक चमत्काहरो की कुत्ता नोंच से इस तरह के लोग समाज पर लाद कर अपना कारोबार चौतरफा बढा रही हैं, और इसके ही त्व रित उदाहरण हैं गडकरी, लालू, दिग्विजय, वरूण और नरेन्द मोदी जैसे सैकडो नेता जो देश में हुनर नही बदजुबान की वजह से जाने जाते हैं ............
Comments