Posts

Showing posts from July 13, 2011

कबूतर

Image
थी बडी दोस्ती इन दो कबूतरो में, रोज मिलते थे ये शांतिवन के चबूतरो पे बरसो पुराना याराना था, एक का मंदिर दूसरे का मस्जिद की गुम्बदद पर घराना था, रोज की तरह जब इनमें चल रही थी गुटुर गुटुर, बीच में आ गिरा एक सफेद घायल, दोनो से उसका दुख देखा न गया, बडे प्यार से उसकी सेवा जतन किया , ठीक होते ही सफेद कबूतर तो फूर्र हो गया, पर जाते इन दोनो के बीच जाने क्याय बीज बो गया] धर्म के नाम पर ये दोनो नशेमान हो गऐ , पुर्वजो से चले आ रहे रिश्तेा लहूलहान हो गऐ, एक बुढे कबूतर इनका खूनखराबा देखा न गया, उसने पहले उस सफेद कबूतर का पता किया, फिर इनको अपने पास बैठाया और बताया , जिस घायल सफेद कबूतर ने था इन्हेऐ लडाया ... वह तो संसद की गुम्बेद से था आया .......