Posts

Showing posts from September 17, 2010

कौन/कैसा गरीब............?

Image
एक मेहनती व्‍यापारी अपने व्‍यापार का बोझा लिऐ रोज आते जाते एक नौजवान को कई दिनो से पेड के नीचे आराम करते देख रहा था, एक दिन सुसताने के नाम पर वह भी उसी के पास बैठ कर बतियाने लगा, यह जानकर कि नौजवान कुछ काम ही नही करता हैं, वह आदतन उसे समझाने लगा मेहनत ईमानदारी की बाते नौजवान को उबाउ लगी तो उसने टोक दिया की आपकी यह लम्‍बी लम्‍बी बाते आसान तो हैं नही और इनसे मुझे हासिल क्‍या होगा....? व्‍यापारी ने शांति व आराम का जीवन मिलने की बात की तो नौजवान तपाक से बोल पडा . आराम से पेड के नीचे स्‍वस्‍थ हवा में बेफ्रिक पडा हूं, इससे तो अच्‍छा नही होगा,     आज पुरे अधिकार के साथ सब कुछ समाज से नोंच लेना देश में बढती बेबसी और गरीबी का मनोविज्ञान भी ऐसा ही बन रहा हैं जिसके साथ वोट बैंक की गंदी राजनीति मिल कर ऐतिहासिक आधार पर धार्मिक और जातिय से भी ज्‍यादा भयावह रूप से समाज में आर्थिक विषमता की खाई खोद रही हैं, जबकी दूरस्‍थ व काफी अन्‍दरूनी और अभाव में गुम हो रही जिन्‍दगीयो तक न तो सरकार पहुच पा रही हैं न विकास, और न ही किसी को इसकी चिन्‍ता हैं,संसद में बैठने वाले सयानो को ये बात समझ में आ