पुलिस .... मजबूती या मजबूरी
पिछले दिनो हमारे एक मित्र का बरामंदे में रखा गैस सिलेण्डर चोरी हो गया,स्वाभविक था, कि थाने में रिर्पोट लिखाई जाय, मित्र के साथ मैं भी थाने चला गया जहां पहुचते ही कुछ असहज महसूस होने लगा, गलियारेनुमा माहौल में आपस में उलझे चार पांच टेबल जिसके साथ लगी कुर्सीयो पर सरकारी बाबु किस्म के तीन वर्दीधारी लोग बैठे, एक आदमी प्रार्थी की शक्ल में भी खडा था, दिवार पर महापुरूषो की फोटोमय मकडी के जाल लटकी थी , खिडकी और चौखट पान गुटके से दागदार थी, एक आदमी आदमी बगल में कैमरा और मुंह में गुटका दबाऐ समाज शास्त्र की बातें कर रहा था, संभवत किसी समाचार की जुगत भीडा पत्रकार था,जेलनुमा दरवाजे में भी दो लोग झांक रहे थे,
वेलकम स्माईल की कोई गुजाईश नही थी, हमने दफतरी अभिवादन की पंरम्परा में औपचारिक मुस्कान तो बखेरी पर कोई रिस्पांस दिखा नही, उनकी बाते और हमारा खडा रहना दोनो ही अपनी अपनी जगह अटपटा महसूस हो रहा था, हमारे मित्र को शाम की ओ. पी. डी. में जाना था इसलिऐ मुंशी साहब को टोक ही दिया, सर एक कम्पलेशन लिखानी थी, शायद बात किसी को भी हजम नही हुई माहौल में कुछ कडवाहट सी घुलती प्रतीत हुई, एक ने कुछ उसी अन्दाज में पुछा किस बात की ...?. जी..मित्र ने बताया गैस सिलेण्डर चोरी हो गया,
वर्दीधारी . चोरी हो गया या कार किट का जुगाड जमा रहे हो…?
मित्र ने कहा नही हम तो पैट्रोल कार में ही ठीक हैं, वर्दीधारी .क्या करते हैं आप..? मेन हास्पीटल में डाक्टर हूं गैस सिलेण्डर चोरी हो गया क्यो बोल रहे हो….? सीधा सीधा गुम हो गया बोलो
मित्र कुछ चिढते हुऐ ....साहब कोई अगूठी थोडी हैं जो गुम जाऐगी या फिसल जाऐगी..
वर्दीधारी कागज लेकर कार्बन लगाते हुऐ बुदबुदाया गैस एजेंसी को दिखाना हैं चलिऐ अपना नाम बताईऐ ?
डा.रोहित पाल
जाति ?
राजपूत मुंशी जी की कलम एक झटके में रूक गई पाल और राजपूत, दूसरे मंशी से क्यो यादव जी, राजपूतो में भी पाल होता हैं….?
यादव जी अपनी कलम अलग रखते हुऐ .. क्या कहे अब समझ कंहा आता हैं नाई तो ठाकुर लिखता हैं... बीच में ही कैमरा वाले जनाब कूद पडे यार वो बिहार में एक दिन के लिऐ मुख्यमंत्री बना था न, क्या नाम था ..... ? अरे बस्ती जिले का रहने वाला ....जगदंम्बिका पाल....वह भी तो राजपूत ही लिखता हैं,
आप भी बिहार के ही हैं क्या ...?. बैठिये बैठिये
इस बीच कोई डबल स्टार पुलिस अफसर की थाने में इंट्री हुई सब तेजी से सावधान की मुद्रा खडे हो गऐ ...... गैस सिलेण्डर को भूल, हम अपने परर्स्नेल्टी ,नाम जाति के प्रति सावधान हो गए थे
शेष फिर कभी ......
वेलकम स्माईल की कोई गुजाईश नही थी, हमने दफतरी अभिवादन की पंरम्परा में औपचारिक मुस्कान तो बखेरी पर कोई रिस्पांस दिखा नही, उनकी बाते और हमारा खडा रहना दोनो ही अपनी अपनी जगह अटपटा महसूस हो रहा था, हमारे मित्र को शाम की ओ. पी. डी. में जाना था इसलिऐ मुंशी साहब को टोक ही दिया, सर एक कम्पलेशन लिखानी थी, शायद बात किसी को भी हजम नही हुई माहौल में कुछ कडवाहट सी घुलती प्रतीत हुई, एक ने कुछ उसी अन्दाज में पुछा किस बात की ...?. जी..मित्र ने बताया गैस सिलेण्डर चोरी हो गया,
वर्दीधारी . चोरी हो गया या कार किट का जुगाड जमा रहे हो…?
मित्र ने कहा नही हम तो पैट्रोल कार में ही ठीक हैं, वर्दीधारी .क्या करते हैं आप..? मेन हास्पीटल में डाक्टर हूं गैस सिलेण्डर चोरी हो गया क्यो बोल रहे हो….? सीधा सीधा गुम हो गया बोलो
मित्र कुछ चिढते हुऐ ....साहब कोई अगूठी थोडी हैं जो गुम जाऐगी या फिसल जाऐगी..
वर्दीधारी कागज लेकर कार्बन लगाते हुऐ बुदबुदाया गैस एजेंसी को दिखाना हैं चलिऐ अपना नाम बताईऐ ?
डा.रोहित पाल
जाति ?
राजपूत मुंशी जी की कलम एक झटके में रूक गई पाल और राजपूत, दूसरे मंशी से क्यो यादव जी, राजपूतो में भी पाल होता हैं….?
यादव जी अपनी कलम अलग रखते हुऐ .. क्या कहे अब समझ कंहा आता हैं नाई तो ठाकुर लिखता हैं... बीच में ही कैमरा वाले जनाब कूद पडे यार वो बिहार में एक दिन के लिऐ मुख्यमंत्री बना था न, क्या नाम था ..... ? अरे बस्ती जिले का रहने वाला ....जगदंम्बिका पाल....वह भी तो राजपूत ही लिखता हैं,
आप भी बिहार के ही हैं क्या ...?. बैठिये बैठिये
इस बीच कोई डबल स्टार पुलिस अफसर की थाने में इंट्री हुई सब तेजी से सावधान की मुद्रा खडे हो गऐ ...... गैस सिलेण्डर को भूल, हम अपने परर्स्नेल्टी ,नाम जाति के प्रति सावधान हो गए थे
शेष फिर कभी ......
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